WELCOME TO THE UNIQUE MATHEMATIC QUESTIONS BY: VIKASH RAHII

Appeal for blind person

APPEAL FOR BLIND PERSON:
बस वही जीते हैं,जो दूसरों के लिए जीते हैं!
सचमुच, बिना स्वार्थ के किसी के काम आना, किसी की मदद करना और किसी की ज़िन्दगी बेहतर बनाना ऐसी चीजें हैं जो हमें अन्दर से सुकून देती हैं. इस तरह के काम करके हमारे मन जो feelings आती हैं उन्हें शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता.
पर अफ़सोस, हम अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में सिर्फ अपने लिए ही वक़्त निकालते हैं, सिर्फ अपनी ज़रूरतों को पूरा करने में ही परेशान रहते हैं, और एक दिन, “मैं…., मेरा…., मेरी….” करते-करते दुनिया से चले जाते हैं. किसी और के लिए कुछ करते ही नहीं.
क्या ये भी जीना कोई जीना हुआ? नहीं, इस तरह की selfish life हमें बाहरी खुशियाँ तो दे सकती है पर कभी भी अन्दर से संतुष्ट नहीं कर सकती. और याद रखिये अन्दर की ख़ुशी ही सबसे बड़ी ख़ुशी है…वही असीम आनंद है.. और वो आनंद हमें तब मिलता है जब हम अपने स्वार्थ से ऊपर उठ कर ऐसे लोगों की मदद करते हैं जिन्हें सचमुच हमारे मदद की ज़रुरत है.
और आज मैं आपसे अनिता दिव्यांग कल्याण समिति के साथ जुड़कर ऐसे ही कुछ ज़रूरतमंद बच्चों की मदद करने की अपील कर रहा हूँ.

कौन हैं ये बच्चे?

ये बच्चे भारत के विभिन्न शहरों में मौजूद दृष्टिबाधित ( visually impaired / blind) बच्चे हैं, जो शिक्षा के माध्यम से अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं.

ब्लाइंड बच्चे कैसे शिक्षा प्राप्त करते हैं?

विकलांग बच्चों के लिए सरकार और NGOs कई स्कूल चलाते हैं, जहाँ इन्हें इनकी विकलांगता को ध्यान में रखकर शिक्षा दी जाती है. For example:
नेत्रहीन बच्चों को ब्रेल लिपि तथा ऑडियो के माध्यम से पढ़ाया जाता है. ये बच्चे बाकी बच्चों की तरह एग्जाम भी देते हैं. एग्जाम में लिखने का काम इनके साथ मौजूद कोई स्टूडेंट करता है, जिसे हम स्क्राइब कहते हैं.

क्या इस शिक्षा से उन्हें लाभ मिलता है?

बिलकुल मिलता है. आज बहुत सारे ब्लाइंड बच्चे बड़े-बड़े सरकारी पदों पर काम कर रहे हैं. बहुत से ब्लाइंड स्टूडेंट्स कंप्यूटर पर भी काम कर लेते हैं और सफलता पूर्वक अपना व्यवसाय भी run कर लेते हैं.  कुछ तो IAS ऑफिसर भी हैं. और इंदौर की रश्मी जी, जन्हें मैं personally  जानता हूँ, आज एक Bank P.O हैं. और ये सब संभव हुआ अनिता दिव्यांग कल्याण समिति और ऐसे ही अन्य संगठनों के सदस्यों द्वारा निःस्वार्थ सेवा के माध्यम से. यानी, अगर इन लोगों की तरह हम भी दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा में अपना योगदान दें तो ऐसे बहुत से बच्चे आत्म-निर्भर बन सकते हैं, और समाज के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं.

हम दृष्टिबाधित स्टूडेंट्स की मदद कैसे कर सकते हैं?

इसके कई तरीके हो सकते हैं, लेकिन मैं यहाँ तीन प्रमुख तरीकों के बारे में बात करूँगा:
पहला तरीका: आर्थिक मदद करके
दृष्टिबाधित छात्रों की शिक्षा के लिए काम कर रही NGO “अनिता दिव्यांग कल्याण समिति” को आर्थिक मदद देकर. इस NGO की फाउंडर, अनिता जी के बारे में मैं AKC पर एक डिटेल्ड पोस्ट लिख चुका हूँ- “नेत्रहीन लोगों के जीवन में प्रकाश बिखेरती अनिता शर्मा” 
दोस्तों, C मैं व्यक्तिगत तौर पे अनिता जी को जान पाया. सचमुच, दृष्टिबाधित लोगों के प्रति उनका dedication हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
अनिता जी पिछले एक दशक से दृष्टिबाधित लोगों की सेवा में जुटी हुई हैं और उनके द्वारा रिकॉर्ड की गयी पुस्तकों को पढ़कर पूरे भारत में सैकड़ों दृष्टिहीन बच्चे लाभान्वित हुए हैं और उनमे से कई बच्चे अच्छी सकारी और प्राइवेट नौकरियों में कार्यरत हैं.
अनिता जी का मानना है कि- “कंप्यूटर दृष्टिबाधित बच्चों की आँखें बन सकता है.”
इसीलिए वह इंदौर में ब्लाइंड बच्चों के लिए निःशुल्क कम्प्युटर प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण करना चाहती हैं.  साथ ही वह दृष्टिबाधित बच्चों की पाठ्यसामग्री को रेकार्ड करने हेतु एक स्टुडियो बनाने में भी प्रयासरत हैं।
इन दो महत्वपूर्ण योजनाओं को पूरा करने के लिए काफी पैसों की ज़रुरत है. अतः आपसे निवेदन है कि इस नेक काम के लिए खुलकर आर्थिक सहयोग दें. यकीन जानिये आपके सहयोग से पूरे भारत के लाखों नेत्रहीन बच्चों को फायदा होगा.
कृपया अपना contribution नीचे दिए अकाउंट में जमा कराएं:
Anita Divyang Kalyan Samiti
Bank of India
Account number- 883210210000044
IFS Code – BKID0008832
MICR Code – 542013004
Indore M.P.

दूसरा तरीका: रिकॉर्डिंग करके 

अपनी आवाज में इन बच्चों के स्टडी मटेरियल को रिकॉर्ड करके.
रिकॉर्डिंग करने के लिए आपको बस दो चीजें चाहियें:
  1.  रिकॉर्डिंग मटेरियल और
  2.  रिकॉर्डिंग इंस्ट्रूमेंट, जो आपका मोबाइल भी हो सकता है.
इस काम में  अनिता शर्मा जी आपकी मदद करेंगी. वे आपको रिकॉर्डिंग मटेरियल उपलब्ध करा देंगी और आपको बस उसे अपनी आवाज में रिकॉर्ड करके ईमेल या व्हाट्सऐप के माध्यम से उन्हें भेजना होगा.
अधिक जानकारी के लिए :  voiceforblind@gmail.com  पर ईमेल करें
Note: यह काम जिम्मेदारी भरा है, इसलिए यदि आप इसे करने का बीड़ा उठाते हैं तो पूरी SINCERITY के साथ करें.
तीसरा तरीका: स्क्राइब बन कर 
एग्जाम में ऐसे बच्चों के स्क्राइब बनकर. स्क्राइब वह व्यक्ति होता है जो परीक्षा में किसी ब्लाइंड स्टूडेंट के साथ जाता है. स्क्राइब ब्लाइंड स्टूडेंट को प्रश्न-पत्र पढ़कर सुनाता है और उसके द्वारा बताये गए जवाब को उतर-पुस्तिका में लिख देता है.
यहाँ ये ज़रूरी है कि scribe blind student से कम qualified होना चाहिए. For example: अगर कोई बारहवीं कक्षा के दृष्टिबाधित छात्र का स्क्राइब बनना चाहता है तो
उसे खुद बारहवीं से कम पढ़ा-लिखा होना चाहिए.
यदि आप इस तरह से सहयोग देने में इच्छुक हैं तो कृपया खुद को यहाँ रजिस्टर करें. परीक्षा से कुछ दिनों पहले, परीक्षा के schedule के साथ आपसे कांटेक्ट किया जाएगा और तब आप अपना सहयोग दे पायेंगे.
दोस्तों, मेरा मानना है कि ज्यादातर लोग अन्दर से अच्छे होते हैं, और वे दूसरों का भला करने का सोचते हैं. But unfortunately, वे अपनी सोच को implement नहीं कर पाते. दृष्टिबाधित विद्यार्थियों की मदद करने का यह अवसर सचमुच एक बड़ा मौका है जब हम निःस्वार्थ भाव से सेवा प्रदान कर सचमुच जीने का आनंद ले सकते हैं.
आगे बढ़िये…. और वह दीपक बनिए जो किसी के जीवन में छाये अन्धकार को हमेशा-हेमशा के लिए दूर कर दे!
धन्यवाद!
Vikash Rahii

दृष्टिबाधित विद्यार्थियों की मदद हेतु इस ईमेल आईडी पर ईमेल करें: voiceforblind@gmail.com

Appeal for blind person Appeal for blind person Reviewed by biharishayar on August 23, 2017 Rating: 5

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