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biography of jack ma


                                              Presented by Vikash Rahii...


''जब केएफसी कंपनी चीन में आयी तो जॉब पाने के लिए २४ लोग इंटरव्यू देने गए, उनमें से २३ को कम्पनी ने चुन लिया । सिर्फ मुझे रिजेक्ट कर दिया गया । – Jack Ma''

दोस्तों आज हम बात करनेवाले हैं अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर Jack Ma के बारे में, उनके चीन के एक छोटे से गाँव से निकल कर चीन की सबसे बड़ी कंपनी को स्थापित करने के सफ़र के बारे में ।



लगातार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वो हर इंटरप्रेन्योर (उद्यमी) और हर एक स्टूडेंट के लिए प्रेरणा स्रोत है ।

उन्होंने नौकरी के लिए लगभग ३० से ज्यादा बार रिजेक्ट होने के बाद भी हिम्मत ना हार कर संघर्ष किया और आश्चर्य चकित कर देनेवाली सफलता की एक नई कहानी गढ़ दी ।

चीन के मौजूदा सबसे धनी और प्रसिद्ध व्यक्ति जैक मा ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान ये बात कही ।
दोस्तों आज हम बात करनेवाले हैं अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर Jack Ma के बारे में, उनके चीन के एक छोटे से गाँव से निकल कर चीन की सबसे बड़ी कंपनी को स्थापित करने के सफ़र के बारे में ।
लगातार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वो हर इंटरप्रेन्योर (उद्यमी) और हर एक स्टूडेंट के लिए प्रेरणा स्रोत है ।
उन्होंने नौकरी के लिए लगभग ३० से ज्यादा बार रिजेक्ट होने के बाद भी हिम्मत ना हार कर संघर्ष किया और आश्चर्य चकित कर देनेवाली सफलता की एक नई कहानी गढ़ दी ।




jack ma success story in hindi

Jack Ma वर्तमान में एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं, अगस्त २०१७ में उनकी संपत्ति करीब ३६.४ बिलियन अमेरिकी डॉलर है ।
बिज़नेस दुनिया की प्रसिद्ध मैगजीन “फार्च्यून” ने २०१७ की दुनिया के ५० महान लीडर्स लिस्ट में दूसरा स्थान दिया गया है । दुनिया में व्यवसायियों और स्व-उद्धिमीयों में से Jack Ma एक बहुत ही प्रभावशील व्यक्ति हैं ।
वे परोपकारी कार्यो के साथ साथ नई पीढ़ी को बिज़नेस के गुर सिखाने के लिए भी मशहूर हैं ।
 बचपन (Childhood)



Jack Ma Childhood
Jack Ma का जन्म चीन के एक बहुत छोटे-से गाँव में १० सितम्बर १९६४ में हुआ था । उन्होंने बचपन गरीबी का हर वो चेहरा देखा जिसकी कल्पना करना भी हमारे लिए मुश्किल है ।
उन्हें बचपन से ही इंग्लिश भाषा को सीखने, समझने में बहुत दिलचस्पी थी । उस समय कम्युनिस्ट देश चीन की प्रमुख भाषा चीनी ही थी और ६० के दशक में चीनी भाषा को ही महत्व दिया जाता था । इंग्लिश भाषा को सीखने-पढने पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता था नाही इसको जरूरी  समझा जाता था ।
बावजूद इसके लगभग १३ साल ही उम्र से ही उन्होंने अंग्रेजी सीखना शुरू कर दिया, बजाये किसी इंग्लिश के शिक्षक के उन्होंने विदेशों से आने वाले टूरिस्ट्स की मदद करना शुरू कर दी और एक टूरिस्ट गाइड की भूमिका निभाने लगे ।
पश्चिमी देशों से आये टूरिस्ट्स से इंग्लिश भाषा में बात करने में शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आयी पर फिर कोशिश करते रहने से उनकी टूटी-फूटी अंग्रेजी में सुधार हो गया ।
उनका बचपन में नाम “मायून” था पर विदेशी पर्यटकों के लिए ये चीनी नाम उच्चारण करने में कठिन था । एक बार उनकी एक विदेशी पर्यटक से उनकी मित्रता हो गई और उसने ही उन्हें “Jack” नाम दिया ।
९ वर्ष तक उन्होंने एक टूरिस्ट गाइड की तरह काम किया जिससे उन्हें पश्चिमी देशों संस्कृति के साथ साथ इंग्लिश की भी बहुत अच्छी समझ हो गई । 
व्यवसाय की शुरुआत (Career)



jack ma career
Jack Ma शुरुआती दिनों में नौकरी की तलाश में भटक रहे थे, पुलिस की नौकरी के लिए भी उन्होंने आवेदन किया था । पर उनकी शारीरिक क्षमता इस नौकरी के अनुरूप ना होने के कारण उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगी ।
जैक मा जब अमेरिका गए तो उन्हें वहाँ इंटरनेट के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त हुई, हालाँकि उन्होंने इसके बारे में पहले से सुन रखा था, पर अब उन्हें इसको उपयोग करने का मौका मिला ।
उन्होंने इंटरनेट पर जो पहला शब्द टाइप किया वो था BEER (भालू) । उन्होंने पाया कि दुनिया के बहुत से देशों के भालुओं के बारे में उन्हें जानकारी मिल गई, पर चीन में पाए जानेवाली प्रजातियों के बारे में कोई जानकारी उस वक्त तक इंटरनेट पर मौजूद नहीं थी ।
फिर उन्होंने अलग-अलग चीजें चीन के बारे में सर्च की । पर इंटरनेट पर चीन के बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध थी । जो उन्हें अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अपने कुछ मित्रों की मदद से एक वेबसाइट बनाई जो चीन के बारे में जानकारियांP देती थी ।
महज कुछ ही घंटो के अन्दर उन्हें बहुत से ईमेल प्राप्त हुए जो लोग Jack के बारे में जानना चाहते थे । अब तक Jack को इंटरनेट की अनंत संभावनाओं का एहसास हो चुका था । इस से पहले वो एक ट्रांसलेशन (अनुवाद) करनेवाली एक छोटी सी एजेंसी चलाते थे । अब जैक इंटरनेट की मदद से कुछ नया करना चाहते थे ।
सन १९९५ में जैक ने अपने कुछ मित्रों और पत्नी की मदद से २०,००० डॉलर जमा किये जिसमे उनकी अपनी बहन से लिए हुए पैसे भी शामिल थे और एक नई वेबसाइट बनाई जो चीन में जो छोटी-बड़ी कंपनियां थी उनको वेबसाइट बनाकर देती थी । इसका नाम उन्होंने “China Yellow Pages” रखा । वांछित लाभ ना मिलने के कारण यह व्यवसाय भी असफल हो गया ।
  अलीबाबा कंपनी की शुरुआत (Alibaba Startup)
 alibaba startup story
कुछ दिन सरकारी काम करने के बाद वे वापस गाँव आ गए और उन्होंने अपने १७ मित्रों को इन्वेस्ट करने के लिए रजामंद किया । और इस तरह उन्होंने अपने मित्रों के साथ मिल कर “Alibaba” कंपनी (उस वक़्त एक स्टार्टअप) की नींव रखी ।
शुरुआती दौर में इस कंपनी का ऑफिस अपना खुद का अपार्टमेंट बनाया । इन दिनों अपने मित्रों के इन्वेस्टमेंट के अलावा उनके पास कोई और पूंजी का माध्यम नहीं था परन्तु बाद में १९९९ तक कुछ दूसरी कंपनियों की मदद से उनका निवेश २५ मिलियन डॉलर और बढ़ गया ।
चीन के लोगो का विश्वास जीतने और उन्हें इंटरनेट पर व्यवसाय करना सिखाने के बाद अब ये कम्पनी दुनिया की वृहदतम कंपनियों में से एक बन चुकी है ।
एक छोटे से गाँव के लड़के का सफ़र जिसके पास खर्च ने के लिए एक रुपया भी नहीं था वो इतनी बड़ी कंपनी को स्थापित करने में सफल हुआ सिर्फ इस वजह से क्योंकि उसमे जज्बा था कुछ कर दिखाने का, उसमे ललक थी कुछ कर जाने की और सबसे जरूरी उसमे जिज्ञासा थी हर वक़्त कुछ नया सीखने की ।
जिस इंसान में तलब है सीखने की उसका सफलता की बुलंदियाँ छूना तय है । वो हजार बार असफल होकर भी एक ना एक दिन सफलता के वो पायदान पर पहुँच जाता है जो हमें असंभव जान पड़ते हैं ।


जैक मा की असफलताओं की सीढियाँ (Failures of Jack Ma)

 Failures of Jack Ma in Hindi

Jack Ma कोई रातों-रात अचानक से कामयाब नहीं हुए उनकी असफलताओं (Failures) की भी एक लम्बी सूची है । और अगर आपको लगता है कि असफलताएं सिर्फ आपको ही मिलती हैं तो जरा Jack Ma के बारे में ये बातें भी जान लीजिये जो उन्हें एक बड़ा योद्धा बनाती है अपनी असफलताओं से लड़ने के लिए ।
वो प्राइमरी स्कूल में भी फेल हुए – एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार । जब मिडिल स्कूल में पहुंचे तो ये आंकड़ा और बढ़ गया – और वो तीन बार मिडिल स्कूल में भी फेल हुए ।
जैसे-तैसे स्कूल ख़त्म करके कॉलेज में प्रवेश करने का सोचा तो तीन बार एंट्रेंस एग्जाम में फेल हुए । तक़रीबन १० बार हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के लिए अप्लाई किया पर हर बार उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया । कॉलेज के बाद भी उनकी हालात सुधरे नहीं और वो लगभग ३० बार जॉब के लिए अप्लाई किया पर जॉब पाने में भी फेल होते गए ।
उसके बाद खुद का बिज़नेस करने का सोचा और उन्हें शुरूआती दो बार फिर बिज़नेस में असफलता ही हाथ लगी । और यही असफलतायें उनकी सफलताओं के द्वार खोलती चली गई, यही असफलताएं उनकी सफलताओं की सीढियाँ बनती गई ।


तो मित्रों यह थी Jack Ma की Success Story । हमें आशा है की आपको Jack Ma के जीवन से और उनकी इस Hindi Biography से बहुत ही अनमोल सीख हासिल हुई होंगी ।
मैं कामना करता हूँ कि आप भी Jack Ma की तरह असफलताओं के सामने एक योद्धा बनकर डटकर लड़े और विफलताओं को परास्त कर के सफलता का नया इतिहास लिखे ।
अगर आपको Jack Ma की यह Hindi Biography अच्छी लगी हो तो कृपया इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुँचाए और सोसिअल मीडिया पर शेयर करे । धन्यवाद । 
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                                                                                                                    By:Vikash Rahii
biography of jack ma biography of jack ma Reviewed by biharishayar on August 26, 2017 Rating: 5

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